राजस्थान सरकार की केंते एक्सटेंशन खदान के लिए जन सुनवाई सफलतापूर्वक संपन्न हुई

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आरआरवीयूएनएल ने छत्तीसगढ़ में दूसरी कोयला खदान खोलने की योजना बनाई

राजस्थान के बेहतरीन संचालन और सीएसआर को जनता का समर्थन मिला

केंते एक्सटेंशन परियोजना से सुरगुजा मे हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे

राजस्थान की बिजली कंपनी सामुदायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध

अंबिकापुर/ सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खंड में पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा प्रस्तावित केंते एक्सटेंशन खुली खदान परियोजना के लिए जन सुनवाई शुक्रवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुई। राजस्थान राज्य के स्वामित्व वाली राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) 1760 हेक्टेयर में फैली 11 मिलियन टन की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता वाली एक नई कोयला खदान और एक अत्याधुनिक वाशरी परियोजना खोलेगी। आरआरवीयूएनएल को यह सफलता सरगुजा स्थित 15 मिलियन टन कोयला उत्पादन वाली परसा ईस्ट केते बासन (पीईकेबी) खदान के 12 साल के सफल संचालन और समुदाय लक्षी कार्यक्रमों के कारण मिली है। खुदकी खदानों से कोयले के उत्पादन से राजस्थान की कोल इंडिया और महंगे आयातित कोयले पर निर्भरता कम होगी।कोयला मंत्रालय ने पीईकेबी ब्लॉक को इसके उत्कृष्ट संचालन के लिए प्रतिष्ठित फाइव-स्टार रेटिंग प्रदान की है।

आरआरवीयूएनएल ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास सहित अन्य चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहलों में पर्याप्त निवेश किया है। इसके चलते राजस्थान एक और कोयला ब्लॉक के लिए सैकड़ों स्थानीय लोगों के समर्थन करके आरआरवीयूएनएल की प्रभावशाली सीएसआर पहलों को मान्यता दे दी है।उदयपुर तहसील के केंते, बासेन, चकेरी, परोगिया और 10

किलोमीटर के दायरे में आने वाले आस-पास के गांवों से हजारों ग्रामीण ने सुबह 8 बजे से बारिश के बावजूद सुबह 11 बजे निर्धारित की गई जन सुनवाई के लिए अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए पहुंचने लगे। यह सुनवाई करीब सात घंटे से ज्यादा समय तक चली। सरगुजा के पर्यावरण संरक्षण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी विजय सिंह पोर्ते और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सुनील कुमार नायक ने जन सुनवाई की अध्यक्षता की।परसा के उपसरपंच गणेशराम यादव ने कहा, “स्थानीय लोगों की मदद से आरआरवीयूएनएल ने पीईकेबी खदान की पहले से खनन की गई भूमि पर 12 लाख से अधिक पेड़ लगाकर सरगुजा को एक नई पहचान दी है। राजस्थान की बिजली उपयोगिता निःशुल्क अंग्रेजी माध्यम स्कूल, कौशल विकास केंद्र, क्लीनिक और एम्बुलेंस सेवाएं चलाती है। हमें उम्मीद है कि आरआरवीयूएनएल केंते एक्सटेंशन खदान खोलकर इन पहलों को और बढ़ावा देगा।” बैठक के दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विकास, रोजगार प्रबंधन और स्वरोजगार पर चर्चा की।

अधिकारियों और गणमान्य लोगों ने केंटे एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के लिए भी समर्थन व्यक्त किया, उनका मानना ​​है कि इससे क्षेत्र में नए विकास और रोजगार के अवसर आएंगे।केंते एक्सटेंशन का समर्थन करते हुए चकेरी गांव के त्रिलोचन सिंह पेकरा ने कहा, “यह परियोजना पिछड़े क्षेत्र में हमारे गांव की महिलाओं और युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगी। आरआरवीयूएनएल के संचालन और सीएसआर प्रयासों ने प्रदर्शित किया है कि निगम स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।”बासेन गांव की उर्मिला पंडो ने कहा, “पीईकेबी खदान खुलने से मेरे सहित कई महिलाओं को स्वरोजगार मिला है। आज हमारे समूह की महिलाएं महिला सहकारी समिति के माध्यम से विविध व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्न होकर आत्मनिर्भर बन गई हैं। इसलिए मैं केंते विस्तार परियोजना का समर्थन करती हूं।”आरआरवीयूएनएल के अतिरिक्त मुख्य अभियंता वीपी गर्ग ने छत्तीसगढ़ परियोजना के बारे में जानकारी दी। उपमंडल मजिस्ट्रेट बनसिंह नेताम, उदयपुर की नगर निरीक्षक चंद्र कुमारी और उदयपुर ब्लॉक की तहसीलदास चंद्रशीला जायसवाल उपस्थित थीं। जनसुनवाई में आरआरवीयूएनएल के अधीक्षण अभियंता अशोक प्रसाद, अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड सरगुजा क्लस्टर प्रमुख मनोज कुमार शाही सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।जन सुनवाई के अंत में आरआरवीयूएनएल के अतिरिक्त मुख्य अभियंता वीपी गर्ग ने कंपनी के सामाजिक सरोकारों के माध्यम से विकास कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा जन सुनवाई के आयोजन में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों, हितधारकों व सभी का आभार व्यक्त किया।

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