पीएससी में चयन से संबंधित याचिका पर राज्य सरकार का जवाब

vartamansandesh

जिनकी नियुक्तियाँ हो चुकी वह यथा स्थिति न्यायालय के आदेश के रहेगी अधीन

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न्यायालय के आगामी आदेश तक नियुक्ति की प्रक्रिया को नहीं दिया जाएगा अंतिम रूपरायपुर /वर्तमान संदेश न्यूज/कथित पीएससी चयन मामले में हाईकोर्ट में राज्यसरकार ने अपना जवाब पेश करते हुए जाँच कराकर रिपोर्ट देने की बात कही है महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिसमें राज्य सरकार के द्वारा न्यायालय के समक्ष यह वक्तव्य दिया गया कि प्रकरण की सरकार स्वयं जांच कर न्यायालय के समक्ष जवाब पेश करेंगे एवं जब तक मामले के अगली सुनवाई नही हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन व्यक्तियों पर आक्षेप लगा है और उनकी नियुक्ति नही हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नही दिया जायेगा एवं जिनकी नियुक्तियाँ हो चुकी है वह यथा स्थिति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगी.माननीय न्यायालय ने उक्त वक्तव्य को रिकार्ड पर लेते हुए याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है एवं राज्य सरकार तथा पीएससी को निर्देशित किया है कि वे जो सूचीं याचिकाकर्ता के द्वारा पेश की गई है उसके तथ्यों की सत्यता के संबंध में भी जांच कर ले तथा याचिकाकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह चयनित व्यक्तियों को पक्षकार बनाये और अपनी याचिका में निर्धारित संशोधन कर पेश करें। न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को भी सचेत किया गया है कि अगर याचिकाकर्ता की जानकारी गलत पाई गयी तो उसके विरुद्ध भी न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी. ग़ौरतलब है कि भाजपा विधायक ननकी राम कंवर ने पीएससी में घोटाले का स्टॉप लगाते ह्यूज हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी याचिका में अधिकारी नेताओं के परिजनों की नियुक्ति पर सवाल उठाये थे.अम्बिकापुर के कुछ अधिवक्ता भी उच्च न्यायालय जायेंगेदूसरी ओर अंबिकापुर के कुछ अधिवक्ता भी अंबिकापुर के कुछ लोगों की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट के शरण में जाने वाले हैं ऐसी जानकारी आ रही है माना जा रहा है हाल के कुछ वर्षों में अंबिकापुर के कुछ लोगों की पीएससी में नियुक्ति हुई है जो भी संदिग्ध के दायरे में आ रहे हैं अफवाह यह भी है कि इसके लिए बाकायदा मैनपाट के एक होटल में लेनदेन की प्रक्रिया हुई थी जिसमें 80 लाख से एक करोड रुपए तक की पेशगी की दी गई थी. सूत्रों की माने तो टमन सिंह सोनवानी का लंबा समय सरगुजा में बीता है जिससे उनका संपर्क यहां के राजस्व विभाग के अधिकारी सहित व्यापारियों से काफी अच्छे हैं वही पीएससी अध्यक्ष बनने से पहले या कहें सरकार बनने के पहले सोनवानी अंबिकापुर के कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ थे.

न्यायालय के आगामी आदेश तक नियुक्ति की प्रक्रिया को नहीं दिया जाएगा अंतिम रूप

रायपुर /वर्तमान संदेश न्यूज/कथित पीएससी चयन मामले में हाईकोर्ट में राज्यसरकार ने अपना जवाब पेश करते हुए जाँच कराकर रिपोर्ट देने की बात कही है महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिसमें राज्य सरकार के द्वारा न्यायालय के समक्ष यह वक्तव्य दिया गया कि प्रकरण की सरकार स्वयं जांच कर न्यायालय के समक्ष जवाब पेश करेंगे एवं जब तक मामले के अगली सुनवाई नही हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन व्यक्तियों पर आक्षेप लगा है और उनकी नियुक्ति नही हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नही दिया जायेगा एवं जिनकी नियुक्तियाँ हो चुकी है वह यथा स्थिति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगी.माननीय न्यायालय ने उक्त वक्तव्य को रिकार्ड पर लेते हुए याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है एवं राज्य सरकार तथा पीएससी को निर्देशित किया है कि वे जो सूचीं याचिकाकर्ता के द्वारा पेश की गई है उसके तथ्यों की सत्यता के संबंध में भी जांच कर ले तथा याचिकाकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह चयनित व्यक्तियों को पक्षकार बनाये और अपनी याचिका में निर्धारित संशोधन कर पेश करें। न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को भी सचेत किया गया है कि अगर याचिकाकर्ता की जानकारी गलत पाई गयी तो उसके विरुद्ध भी न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी.
ग़ौरतलब है कि भाजपा विधायक ननकी राम कंवर ने पीएससी में घोटाले का स्टॉप लगाते ह्यूज हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी याचिका में अधिकारी नेताओं के परिजनों की नियुक्ति पर सवाल उठाये थे.

अम्बिकापुर के कुछ अधिवक्ता भी उच्च न्यायालय जायेंगे

दूसरी ओर अंबिकापुर के कुछ अधिवक्ता भी अंबिकापुर के कुछ लोगों की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट के शरण में जाने वाले हैं ऐसी जानकारी आ रही है माना जा रहा है हाल के कुछ वर्षों में अंबिकापुर के कुछ लोगों की पीएससी में नियुक्ति हुई है जो भी संदिग्ध के दायरे में आ रहे हैं अफवाह यह भी है कि इसके लिए बाकायदा मैनपाट के एक होटल में लेनदेन की प्रक्रिया हुई थी जिसमें 80 लाख से एक करोड रुपए तक की पेशगी की दी गई थी. सूत्रों की माने तो टमन सिंह सोनवानी का लंबा समय सरगुजा में बीता है जिससे उनका संपर्क यहां के राजस्व विभाग के अधिकारी सहित व्यापारियों से काफी अच्छे हैं वही पीएससी अध्यक्ष बनने से पहले या कहें सरकार बनने के पहले सोनवानी अंबिकापुर के कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ थे.

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