आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अम्बिकापुर में सरगर्मी हुई तेज भाजपा कांग्रेस दोनों जुटे मतदाताओं को रिझाने में

vartamansandesh
राजनीतिक आंकलन

कांग्रेस को टक्कर दे सकते हैं भाजपा के संभावित प्रत्याशी राजेश व आलोक

अम्बिकापुर/वर्तमान संदेश न्यूज/आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अंबिकापुर में अब सर गर्मी धीरे-धीरे तेज हो रही है वहीं भाजपा के द्वारा चुनावी तैयारी को लेकर नया कार्यालय का भी उद्घाटन कर दिया गया है. कांग्रेस की बात करें तो अंबिकापुर के विधायक व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के द्वारा निगम के 48 वार्ड में घूम घूम कर चौपाल लगाकर लोगों की समस्या सुनते नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर उनके भतीजे व जिला पंचायत सरगुजा के उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ग्रामीण क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क करते हुए आए दिन सड़क निर्माण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन भूमि पूजन कर रहे हैं. जो की विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नजर ही माना जा रहा है. इसे यह भी कह सकते हैं कि कांग्रेस अम्बिकापुर सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति के जानकारों की मानें तो अम्बिकापुर वर्तमान समय में राजनीतिक के जिस संक्रमण काल से गुजर रही है उससे तो यह कहा जा सकता है कि इस बार कांग्रेस को इस सीट के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है. क्यों कि कांग्रेस के अंदर जिस प्रकार से खींचा तानी चल रही है उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में कांग्रेस को अपनी शाख बचाने के लिए पुरी ताकत लगानी पड़ सकती है.भाजपा के द्वारा कही सशक्त उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाती है तो कांग्रेस के लिए यह दोहरी समस्या खड़ी कर सकती है. हालांकि पिछले तीन चुनाव में मौजूदा विधायक वह प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव को मिलने वाली वोट की संख्या बढ़ते क्रम में रही है लेकिन क्षेत्र वासियों के द्वारा 2018 में जिस उम्मीद से टीएस सिंह देव को एक तरफा वोट देकर जिताया था वह उम्मीद अभी तक पूरी नहीं हो सकी है जिसके कारण क्षेत्र वासियों में इस बात को लेकर कसक या कहें मलाल आज भी है.

Contents
राजनीतिक आंकलनकांग्रेस को टक्कर दे सकते हैं भाजपा के संभावित प्रत्याशी राजेश व आलोकअम्बिकापुर/वर्तमान संदेश न्यूज/आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अंबिकापुर में अब सर गर्मी धीरे-धीरे तेज हो रही है वहीं भाजपा के द्वारा चुनावी तैयारी को लेकर नया कार्यालय का भी उद्घाटन कर दिया गया है. कांग्रेस की बात करें तो अंबिकापुर के विधायक व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के द्वारा निगम के 48 वार्ड में घूम घूम कर चौपाल लगाकर लोगों की समस्या सुनते नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर उनके भतीजे व जिला पंचायत सरगुजा के उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ग्रामीण क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क करते हुए आए दिन सड़क निर्माण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन भूमि पूजन कर रहे हैं. जो की विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नजर ही माना जा रहा है. इसे यह भी कह सकते हैं कि कांग्रेस अम्बिकापुर सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति के जानकारों की मानें तो अम्बिकापुर वर्तमान समय में राजनीतिक के जिस संक्रमण काल से गुजर रही है उससे तो यह कहा जा सकता है कि इस बार कांग्रेस को इस सीट के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है. क्यों कि कांग्रेस के अंदर जिस प्रकार से खींचा तानी चल रही है उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में कांग्रेस को अपनी शाख बचाने के लिए पुरी ताकत लगानी पड़ सकती है.भाजपा के द्वारा कही सशक्त उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाती है तो कांग्रेस के लिए यह दोहरी समस्या खड़ी कर सकती है. हालांकि पिछले तीन चुनाव में मौजूदा विधायक वह प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव को मिलने वाली वोट की संख्या बढ़ते क्रम में रही है लेकिन क्षेत्र वासियों के द्वारा 2018 में जिस उम्मीद से टीएस सिंह देव को एक तरफा वोट देकर जिताया था वह उम्मीद अभी तक पूरी नहीं हो सकी है जिसके कारण क्षेत्र वासियों में इस बात को लेकर कसक या कहें मलाल आज भी है.भाजपा के राजेश अग्रवाल व आलोक दुबे कांग्रेस को टक्कर दे सकते हैंअंबिकापुर विधानसभा सीट को लेकर वर्तमान में भाजपा के दो चेहरे आम जनता के सामने हैं जिनमें पहला नाम आलोक दुबे वह दूसरा लखनपुर के राजेश अग्रवाल हैं दोनों ही उम्मीदवार में से किसी एक को भी अगर भाजपा टिकट देती है तो ये कांग्रेस के लिए खासी दिक्कत पैदा कर सकते हैं आलोक दुबे की बात करें तो आलोक दुबे बीजेपी के वे ऐसे नेता हैं जो हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते नजर आते हैं चाहे उनके सामने डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ही क्यों ना हो,भाजपा नेता आलोक दुबे के द्वारा डिप्टी सीएम सिंह देव पर जमीन से लेकर तुष्टिकरण का भी आरोप लगा चुके हैं अपना कद भाजपा में बड़ा करने के लिए आलोक दुबे अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को भला-बुरा कहने में भी नहीं चुकते. इसके साथ ही भ्रष्टाचार सहित आम जनों की समस्या का मुद्दा उठाया है. जिसके कारण अंबिकापुर विधानसभा की जनता इन्हें मजबूत उम्मीदवार की तरह देखती है. लेकिन पार्टी के नेता व कार्यकर्ता में आलोक दुबे को लेकर अंदरूनी तौर पर काफी खींचातानी है ऐसे में राजनीतिक के जानकारों की मानें तो आलोक दुबे को अगर पार्टी टिकट देती है तो पार्टी कार्यकर्ताओं को एक मंच में लायें बिना चुनाव के परिणाम सकारात्मक नहीं हो सकता है. अगर हम लखनपुर के निवासी राजेश अग्रवाल की बात करें तो अम्बिकापुर सहित लखनपुर व उदयपुर क्षेत्र में राजेश अग्रवाल के परिवार की पकड़ काफी बेहतर है क्षेत्र में आम ग्रामीणों से राजेश अग्रवाल एवं उसके परिवार के सीधा जुड़ाव है जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिल सकता है वही राजेश अग्रवाल को टिकट मिलता है तो अग्रवाल समाज भी चुनाव में धन की कमी आने नहीं देगी ऐसी स्थिति में लखनपुर उदयपुर जो कि कांग्रेस की लीडिंग पॉइंट माना जाता है वह बुरी तरह डैमेज होगा और इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है. वही राजेश अग्रवाल को सभी समाज के लोगों काफी मानते हैं जिसका प्रमुख कारण हर समय में लोगों की मदद के लिए मौजूद रहते हैं.अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर भी है परेशानअंबिकापुर विधानसभा में अगर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय वोटरों की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 25 से 30 हजार के बीच आती है जो कि कांग्रेस में एक तरफा वोट करते हैं लेकिन इस बार के चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय की वोटर भी कशमकश में है कि आखिर कांग्रेस को वोट दें या फिर भाजपा को क्योंकि वर्तमान में जिस प्रकार की राजनीति कांग्रेस के द्वारा की जा रही है उसे तो उन्हें ऐसा ही लगता है कि इससे बेहतर बीजेपी ही है क्योंकि कांग्रेस हमेशा अल्पसंख्यकों के नाम पर उनके विकास के नाम पर सिर्फ़ वोट ही लेती है लेकिन कुछ करती नहीं है. वहीं कांग्रेस के 5 साल के शासनकाल व अम्बिकापुर विधायक टीएस सिंह देव के 15 साल की विधायकी में कोई ऐसा बड़ा काम नहीं हुआ है जिससे कि यह कहा जाए कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों के विकास में ठोस कदम उठाये है. जबकि ठीक इसके विपरित भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में छोटे बड़े काफी काम हुए थे जिसे नकारा नहीं जा सकता है ऐसी स्थिति कमोबेश सरगुजा संभाग के सभी सीटों में देखा जा गया है. हाल के दिनों की बात करें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा हर समाज को कुछ ना कुछ सौगात के रूप में दिया गया लेकिन मुस्लिम समाज को बहुसंख्यक के राजनीति के तहत किनारे कर दिया गया है. इसमें अंबिकापुर विधायक के द्वारा भी कुछ विशेष पहल नहीं किया गया इस पुरे मामले में। वहीं चुनाव के बाद ना तो उनके क्षेत्र में कांग्रेस के लीडर नजर आते हैं.ना कोई काम ऐसे में उनका कोई योगदान रहता है. जिसके कारण भी इस बार के चुनाव में उनका मन डोल रहा है वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता शफी अहमद के द्वारा भी कांग्रेस से विधानसभा भटगांव क्षेत्र के लिए टिकट की मांग की जा रही है अगर उन्हें टिकट नहीं मिलती है तो भी कांग्रेस को इस बार नुकसान उठाना पड़ सकता है ऐसा राजनीति के जानकार आकलन लग रहे हैं.निगम की खस्ताहाल सड़क एवं अन्य समस्या से नगर वासी है परेशानअंबिकापुर के नगर के 48 वार्डों की बात करें तो पिछले 10 साल से यह कांग्रेस का राज है लेकिन निगम की विकास की बात करें तो विकास के नाम पर जीरो बटे सन्नाटा ही अब तक नगर वासियों को हाथ लगा है निगम के अधिकांश वार्डो की सड़क खस्ता हाल है धूल से आम नगर वासियों का जीना मुहाल है. कंगाली कमर्शियल रहा अंबिकापुर नगर निगम अभी तक अपना प्रशासनिक भवन भी नहीं बन पाया है ऐसे में निगम के कार्य में नगर वासियों को अलग-अलग जगह भटकना पड़ रहा है जिसके कारण भी निगम में सत्तारूढ़ कांग्रेस को लेकर नगरवासी काफी गुस्से में है. वहीं कांग्रेस के वाटर माना जाने वाले गैरेज लाइन के लोग भी कांग्रेस से काफी नाराज है उनकी माने तो निगम के द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर में उन्हें बसना का जो वादा किया गया था वह आज तक पूरा नहीं हो सकता ऐसी स्थिति में उन्हें आज तक दो वक्त की रोटी के लिए काफी वह सकत करनी पड़ रही है.स्वास्थ्य मंत्री व प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के द्वारा प्रदेश में जिस प्रकार के स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार किया जा रहा है उसे सरगुजा आंचल भी अछूता नहीं है अंबिकापुर की बात करें तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित हर वार्ड में वार्ड क्लिनिक खुलने से आम जनता को इससे सीधा लाभ हो रहा है जिसके कारण अंबिकापुर के विधायक टीएस सिंह देव के प्रति शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक माहौल भी बना हुआ है. जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें मिल सकता है.

भाजपा के राजेश अग्रवाल व आलोक दुबे कांग्रेस को टक्कर दे सकते हैं

अंबिकापुर विधानसभा सीट को लेकर वर्तमान में भाजपा के दो चेहरे आम जनता के सामने हैं जिनमें पहला नाम आलोक दुबे वह दूसरा लखनपुर के राजेश अग्रवाल हैं दोनों ही उम्मीदवार में से किसी एक को भी अगर भाजपा टिकट देती है तो ये कांग्रेस के लिए खासी दिक्कत पैदा कर सकते हैं आलोक दुबे की बात करें तो आलोक दुबे बीजेपी के वे ऐसे नेता हैं जो हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते नजर आते हैं चाहे उनके सामने डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ही क्यों ना हो,भाजपा नेता आलोक दुबे के द्वारा डिप्टी सीएम सिंह देव पर जमीन से लेकर तुष्टिकरण का भी आरोप लगा चुके हैं
अपना कद भाजपा में बड़ा करने के लिए आलोक दुबे अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को भला-बुरा कहने में भी नहीं चुकते. इसके साथ ही भ्रष्टाचार सहित आम जनों की समस्या का मुद्दा उठाया है. जिसके कारण अंबिकापुर विधानसभा की जनता इन्हें मजबूत उम्मीदवार की तरह देखती है. लेकिन पार्टी के नेता व कार्यकर्ता में आलोक दुबे को लेकर अंदरूनी तौर पर काफी खींचातानी है ऐसे में राजनीतिक के जानकारों की मानें तो आलोक दुबे को अगर पार्टी टिकट देती है तो पार्टी कार्यकर्ताओं को एक मंच में लायें बिना चुनाव के परिणाम सकारात्मक नहीं हो सकता है. अगर हम लखनपुर के निवासी राजेश अग्रवाल की बात करें तो अम्बिकापुर सहित लखनपुर व उदयपुर क्षेत्र में राजेश अग्रवाल के परिवार की पकड़ काफी बेहतर है क्षेत्र में आम ग्रामीणों से राजेश अग्रवाल एवं उसके परिवार के सीधा जुड़ाव है जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिल सकता है वही राजेश अग्रवाल को टिकट मिलता है तो अग्रवाल समाज भी चुनाव में धन की कमी आने नहीं देगी ऐसी स्थिति में लखनपुर उदयपुर जो कि कांग्रेस की लीडिंग पॉइंट माना जाता है वह बुरी तरह डैमेज होगा और इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है. वही राजेश अग्रवाल को सभी समाज के लोगों काफी मानते हैं जिसका प्रमुख कारण हर समय में लोगों की मदद के लिए मौजूद रहते हैं.

अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर भी है परेशान

अंबिकापुर विधानसभा में अगर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय वोटरों की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 25 से 30 हजार के बीच आती है जो कि कांग्रेस में एक तरफा वोट करते हैं लेकिन इस बार के चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय की वोटर भी कशमकश में है कि आखिर कांग्रेस को वोट दें या फिर भाजपा को क्योंकि वर्तमान में जिस प्रकार की राजनीति कांग्रेस के द्वारा की जा रही है उसे तो उन्हें ऐसा ही लगता है कि इससे बेहतर बीजेपी ही है क्योंकि कांग्रेस हमेशा अल्पसंख्यकों के नाम पर उनके विकास के नाम पर सिर्फ़ वोट ही लेती है लेकिन कुछ करती नहीं है. वहीं कांग्रेस के 5 साल के शासनकाल व अम्बिकापुर विधायक टीएस सिंह देव के 15 साल की विधायकी में कोई ऐसा बड़ा काम नहीं हुआ है जिससे कि यह कहा जाए कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों के विकास में ठोस कदम उठाये है. जबकि ठीक इसके विपरित भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में छोटे बड़े काफी काम हुए थे जिसे नकारा नहीं जा सकता है ऐसी स्थिति कमोबेश सरगुजा संभाग के सभी सीटों में देखा जा गया है. हाल के दिनों की बात करें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा हर समाज को कुछ ना कुछ सौगात के रूप में दिया गया लेकिन मुस्लिम समाज को बहुसंख्यक के राजनीति के तहत किनारे कर दिया गया है. इसमें अंबिकापुर विधायक के द्वारा भी कुछ विशेष पहल नहीं किया गया इस पुरे मामले में। वहीं चुनाव के बाद ना तो उनके क्षेत्र में कांग्रेस के लीडर नजर आते हैं.ना कोई काम ऐसे में उनका कोई योगदान रहता है. जिसके कारण भी इस बार के चुनाव में उनका मन डोल रहा है वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता शफी अहमद के द्वारा भी कांग्रेस से विधानसभा भटगांव क्षेत्र के लिए टिकट की मांग की जा रही है अगर उन्हें टिकट नहीं मिलती है तो भी कांग्रेस को इस बार नुकसान उठाना पड़ सकता है ऐसा राजनीति के जानकार आकलन लग रहे हैं.

निगम की खस्ताहाल सड़क एवं अन्य समस्या से नगर वासी है परेशान

अंबिकापुर के नगर के 48 वार्डों की बात करें तो पिछले 10 साल से यह कांग्रेस का राज है लेकिन निगम की विकास की बात करें तो विकास के नाम पर जीरो बटे सन्नाटा ही अब तक नगर वासियों को हाथ लगा है निगम के अधिकांश वार्डो की सड़क खस्ता हाल है धूल से आम नगर वासियों का जीना मुहाल है. कंगाली कमर्शियल रहा अंबिकापुर नगर निगम अभी तक अपना प्रशासनिक भवन भी नहीं बन पाया है ऐसे में निगम के कार्य में नगर वासियों को अलग-अलग जगह भटकना पड़ रहा है जिसके कारण भी निगम में सत्तारूढ़ कांग्रेस को लेकर नगरवासी काफी गुस्से में है. वहीं कांग्रेस के वाटर माना जाने वाले गैरेज लाइन के लोग भी कांग्रेस से काफी नाराज है उनकी माने तो निगम के द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर में उन्हें बसना का जो वादा किया गया था वह आज तक पूरा नहीं हो सकता ऐसी स्थिति में उन्हें आज तक दो वक्त की रोटी के लिए काफी वह सकत करनी पड़ रही है.

स्वस्थ्य सुविधाओं में बेहतर विस्तार से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में हर्ष

स्वास्थ्य मंत्री व प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के द्वारा प्रदेश में जिस प्रकार के स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार किया जा रहा है उसे सरगुजा आंचल भी अछूता नहीं है अंबिकापुर की बात करें तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित हर वार्ड में वार्ड क्लिनिक खुलने से आम जनता को इससे सीधा लाभ हो रहा है जिसके कारण अंबिकापुर के विधायक टीएस सिंह देव के प्रति शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक माहौल भी बना हुआ है. जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें मिल सकता है.
Share This Article
Leave a comment