अम्बिकापुर विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने की उम्मीद…
आलोक दुबे भी टिकट के लिए दिल्ली में डेरा जमाएं बैठे..
अम्बिकापुर/वर्तमान संदेश न्यूज/ अम्बिकापुर विधानसभा में चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है. क्यों की विशेष सूत्रों की माने तो टिकट के प्रबल दावेदार राजेश अग्रवाल का नाम भाजपा के द्वारा लगभग फाइनल कर दिया गया है बस अब औपचारिक घोषणा मात्र करना बाकी है. बताया जा रहा कि भाजपा के द्वारा अंबिकापुर विधानसभा में एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे करा कर यह निर्णय लिया गया है. वही सूत्रों की माने तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण ने राजेश अग्रवाल को यहां तक कह दिया है कि वह अपना नाम से बैनर पोस्टर बनाकर प्रचार के लिए युद्ध स्तर पर जुड़ जाए. इसके बाद से लखनपुर, उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का प्रचार प्रसार तेजी से हो रहा है. वहीं दूसरी ओर भाजपा के पार्षद व वरिष्ठ नेता आलोक दुबे भी दिल्ली में टिकट के लिए भाजपा के टॉप के नेताओं से मुलाकात करते हुए टिकट की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि भाजपा के द्वारा टिकट की औपचारिक घोषणा के बाद ही यह माना जाएगा कि राजेश अग्रवाल व आलोक दुबे में भाजपा किसे अपना उम्मीदवार चुनती है या फिर कोई और..?
लेकिन इतना तो तय है कि इस बार अंबिकापुर में होने वाले विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होगा अगर राजेश व आलोक में से किसी एक को अपना उम्मीदवार बनाता है तो.
वही भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार राजेश अग्रवाल की बात करें तो अम्बिकापुर निगम की सीमा समाप्त होने के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में आचार संहिता लागू होने से पहले से ही जिस प्रकार से सघन जनसंपर्क बनाते हुए ग्रामीण लोगों में अपनी पेट बनाने का प्रयास किया है उसे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है की आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ये अच्छी खासी दिक्कत में डाल सकते हैं. लखनपुर उदयपुर क्षेत्र में उनके परिवार की जबरदस्त दखल मानी जाती है लंबे समय से लखनपुर क्षेत्र में व्यवसाय एवं कृषि कार्य करने के कारण आम ग्रामीण जनों से इनकी सीधी पहुंच को इंकार नहीं किया जा सकता है. राजेश अग्रवाल को टिकट मिलता है तो इसका लाभ मिलना निश्चित है.वही कांग्रेस के लिए काफी दिक्कत हो सकती है. क्यों कि कांग्रेस पिछले तीन बार से लखनपुर व उदयपुर क्षेत्र के मतदाताओं के कारण ही बढ़त में है.
लेकिन इतना तो तय है कि इस बार अंबिकापुर में होने वाले विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होगा अगर राजेश व आलोक में से किसी एक को अपना उम्मीदवार बनाता है तो.
वही भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार राजेश अग्रवाल की बात करें तो अम्बिकापुर निगम की सीमा समाप्त होने के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में आचार संहिता लागू होने से पहले से ही जिस प्रकार से सघन जनसंपर्क बनाते हुए ग्रामीण लोगों में अपनी पेट बनाने का प्रयास किया है उसे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है की आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ये अच्छी खासी दिक्कत में डाल सकते हैं. लखनपुर उदयपुर क्षेत्र में उनके परिवार की जबरदस्त दखल मानी जाती है लंबे समय से लखनपुर क्षेत्र में व्यवसाय एवं कृषि कार्य करने के कारण आम ग्रामीण जनों से इनकी सीधी पहुंच को इंकार नहीं किया जा सकता है. राजेश अग्रवाल को टिकट मिलता है तो इसका लाभ मिलना निश्चित है.वही कांग्रेस के लिए काफी दिक्कत हो सकती है. क्यों कि कांग्रेस पिछले तीन बार से लखनपुर व उदयपुर क्षेत्र के मतदाताओं के कारण ही बढ़त में है.