देशभर के कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को एप्पल की ओर से इस स्टेट स्पान्सर्ड हैकर्स के हमले की जानकारी मेल द्वारा दी गयी
अम्बिकापुर/प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टी0एस0 सिंहदेव को भी एप्पल ने मेल प्रेषित कर जानकारी दी है कि उनका फोन स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकर्स की जद में है। 30 अक्टूबर को एप्पल की ओर से भेजे गये मेल ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। आज ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेसवार्ता कर यह जानकारी साझा की है कि देशभर के कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को एप्पल की ओर से इस स्टेट स्पान्सर्ड हैकर्स के हमले की जानकारी मेल द्वारा दी गयी है। जिन नेताओं के नाम का उन्होंने विवरण दिया उनमें राज्य के उपमुख्यमंत्री टी0एस0 सिंहदेव भी शामिल हैं। अपने ट्वीटर अकांउट पर उपमुख्यमंत्री ने भी इस जानकारी को साझा किया है। अपने ट्वीटर पर उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए लिखा है कि जनप्रतिनिधियों की जासूसी कराना, क्या करदाताओं के पैसे को खर्च करने का उपयुक्त तरीका है। राजनीतिक युद्ध के मैदान में विपक्षी दलों के गठबंधन को हराने में असमर्थ भाजपा नेतृत्व डरा हुआ है और हमारे खिलाफ नाजायज तरीकों का इस्तेताल कर रहा है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस तरह की चालें कमजोरों और भ्रष्ट लोगों को डरा सकती हैं। हम भाजपा के हर गलत काम को चुनौती देना जारी रखेंगे। छत्तीसगढ में उपमुख्यमंत्री को इस तरह से निशाने पर लेने को यह माना जा सकता है कि भाजपा उनकी लोकप्रियता को एक चुनौती की तरह देख रही है। छत्तीसगढ चुनावों में अपनी संभावित दुर्गती से भाजपा अवगत है। उपमुख्यमंत्री जो कि छत्तीसगढ विधानसभा चुनावों के रण में एक बडे रणीनितिकार के रुप में लगातार अपनी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में यह धारणा बनती है कि उनका मोबाईल फोन हैक कर विरोधी कांग्रेस की रणनीति को भेदने का प्रयास भाजपा कर रही है, जो कि निश्चय ही राजनीतिक मूल्यों में निम्नता का परिचायक है।
क्या है एप्पल का एलर्ट फंक्शन, जिसने उपमुख्यमंत्री को फोन हैकिंग की जानकारी दी
करीब साल भर पहले एप्पल ने एक फीचर अपने फोन में जोडा, जिसका नाम कॉन्टेक्ट आई वेरिफिकेशन है। एप्पल कंपनी अपने यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के कदम उठाती रही है, ऐसा ही एक कदम ये फीचर है, जो सरकार प्रायोजित हैकिंग की जानाकरी देता है। यह फीचर किसी भी अटैक की स्थिति में ग्राहक के आई-क्लाउड और आई-मैसेज के डेटा को सुरक्षित रखने का प्रयास करता है। पूरें देश में विपक्षी राजनेताओं के पास ही एप्पल के यह अलर्ट मेल आये हैं, जिससे यह संदेह पुख्ता होता है कि एप्पल के इस फीचर ने अपना काम किया और इसकी वजह से विपक्षी नेताओं को नोटिफिकेशन आया है.