प्रदेश भर में आदिवासियों में खुशी की लहर
अम्बिकापुर /वर्तमान संदेश न्यूज/ जशपुर जिले के कुनकुरी विधानसभा से नव निर्वाचित विधायक विष्णुदेव साय को अंततः भाजपा ने मुख्यमंत्री बना दिया है.विष्णु देव साय जशपुर जिले के ग्राम पंचायत बगिया गांव के रहने वाले हैं. विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुई उनका पिता रामप्रसाद साय व माता का नाम जसमनी देवी है. विष्णुदेव साय के शिक्षा की बात करें तो उनका प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से हुई और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11 वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की. इसके बाद चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोड़ दी और घर मे पिताजी के साथ खेती किसानी करने लगे.उस समय गांव में पढ़े लिखे होने कारण 1989 में वार्ड पंच बने फिर 1991 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपँच निर्वाचित हुए. सरपँच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1991 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया और पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बनकर विधानसभा का सफर तय किए ।
इसके बाद 27 मई 1999 में सांसद का चुनाव निर्वाचित होकर 2014 तक सांसद रहे । इसके साथ ही 20014 से 2019 तक कैबिनेट में इस्पात खनन एवं श्रम रोजगार मंत्रालय में मंत्री रहे । 2020 से 2022 तक छग में प्रदेश अध्यक्ष की पद पर रहे। वही 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे । वही 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुनः विधायक बने.विष्णुदेव साय के प्रथम पुत्री निवृति साय के शादी जिला धमतरी फसरपानी में हुई है । वही दूसरी पुत्री स्मृति साय पीएससी का तैयारी रायपुर में कर रहे है. वही एकलौता पुत्र टोसेन्द्र देव साय फिलहाल रायपुर में कॉलेज की पढ़ाई कर रहे है.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दिया प्रस्ताव
भाजपा पार्टी में किस प्रकार से अनुशासन तय किया जाता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विष्णु देव सहाय के नाम पर जब केंद्रीय समिति ने अपनी मोहर लगाई तो इसके समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विष्णु देव सायं के नाम पर अपना प्रस्ताव दिया जिसके बाद बृजमोहन अग्रवाल ने उस प्रस्ताव की सहमति दी.
भाजपा की 2024 की तैयारी शुरू
भाजपा के द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी विष्णु व्यवसाय के नाम के साथ ही शुरू कर दी है. जाहिर है आदिवासी कार्ड एक बार फिर भाजपा ने खेलते हुए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा इन तीनों प्रदेशों में आदिवासी वोटरों को साधने का काम किया है. इन तीनों प्रदेशों में आदिवासी वोटरों की संख्या सरकार बनने से लेकर सरकार गिराने तक तय करती है ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका लाभ कितना मिलता है यह तो समय बताएगा लेकिन इतना तो तय है भाजपा के इस आदिवासी मुख्यमंत्री से कहीं ना कहीं आदिवासी वोटर भाजपा को लेकर खुश हैं.
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प्रदेश भर में आदिवासियों में खुशी की लहरअम्बिकापुर /वर्तमान संदेश न्यूज/ जशपुर जिले के कुनकुरी विधानसभा से नव निर्वाचित विधायक विष्णुदेव साय को अंततः भाजपा ने मुख्यमंत्री बना दिया है.विष्णु देव साय जशपुर जिले के ग्राम पंचायत बगिया गांव के रहने वाले हैं. विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुई उनका पिता रामप्रसाद साय व माता का नाम जसमनी देवी है. विष्णुदेव साय के शिक्षा की बात करें तो उनका प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से हुई और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11 वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की. इसके बाद चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोड़ दी और घर मे पिताजी के साथ खेती किसानी करने लगे.उस समय गांव में पढ़े लिखे होने कारण 1989 में वार्ड पंच बने फिर 1991 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपँच निर्वाचित हुए. सरपँच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1991 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया और पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बनकर विधानसभा का सफर तय किए ।इसके बाद 27 मई 1999 में सांसद का चुनाव निर्वाचित होकर 2014 तक सांसद रहे । इसके साथ ही 20014 से 2019 तक कैबिनेट में इस्पात खनन एवं श्रम रोजगार मंत्रालय में मंत्री रहे । 2020 से 2022 तक छग में प्रदेश अध्यक्ष की पद पर रहे। वही 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे । वही 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुनः विधायक बने.विष्णुदेव साय के प्रथम पुत्री निवृति साय के शादी जिला धमतरी फसरपानी में हुई है । वही दूसरी पुत्री स्मृति साय पीएससी का तैयारी रायपुर में कर रहे है. वही एकलौता पुत्र टोसेन्द्र देव साय फिलहाल रायपुर में कॉलेज की पढ़ाई कर रहे है.पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दिया प्रस्तावभाजपा पार्टी में किस प्रकार से अनुशासन तय किया जाता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विष्णु देव सहाय के नाम पर जब केंद्रीय समिति ने अपनी मोहर लगाई तो इसके समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विष्णु देव सायं के नाम पर अपना प्रस्ताव दिया जिसके बाद बृजमोहन अग्रवाल ने उस प्रस्ताव की सहमति दी.भाजपा की 2024 की तैयारी शुरूभाजपा के द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी विष्णु व्यवसाय के नाम के साथ ही शुरू कर दी है. जाहिर है आदिवासी कार्ड एक बार फिर भाजपा ने खेलते हुए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा इन तीनों प्रदेशों में आदिवासी वोटरों को साधने का काम किया है. इन तीनों प्रदेशों में आदिवासी वोटरों की संख्या सरकार बनने से लेकर सरकार गिराने तक तय करती है ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका लाभ कितना मिलता है यह तो समय बताएगा लेकिन इतना तो तय है भाजपा के इस आदिवासी मुख्यमंत्री से कहीं ना कहीं आदिवासी वोटर भाजपा को लेकर खुश हैं.