सरगुजा जिले के लुण्ड्रा थाना के ग्राम बकना कला की घटना
अम्बिकापुर/ जनपद लुण्ड्रा के ग्राम बकना कला कुंदी में पानी से भरे ढोडी में डूबने से तीन आदिवासी बालिकाओं की हुई मौत हो गयी है. मृतक तीनों बच्चे एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं. इस संबंध में लुण्ड्रा थाना प्रभारी संपत पोटाई ने बताया कि कल यानी एक सितंबर को एक ही परिवार के तीन बच्चे रेणुका, तारा व शुभमती खेलने के लिए घर से निकले थे और तीनों घर नहीं लौटे शाम को ही जब परिजनों ने खोजने का प्रयास किया तो गांव के ही एक ढोडी में रेणुका का शव तैर रहा था इसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया जिसके बाद आन्नफान में शव को बाहर निकाल कर इसकी जानकारी पुलिस को दी गई लेकिन इसके बावजूद दो अन्य बच्चों का कोई अता-पता नहीं चल सका. लेकिन आज सुबह इस ढोडी में तारा व शुभमती का शव भी तैरते हुए गांव के लोगों ने देखा इसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी सूचना लंद्र थाना पुलिस को दी सूचना कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मृतक दोनों बच्चों का डोढी से बाहर निकाल कर पंचनामा कर पोस्टमार्टम करने के लिए मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर भेज दिया गया है मृत बच्चों की आयु 5, 9 और 12 साल है.बताया जा रहा है कि तीनों बच्चे संभवतः नहाने के लिए ढोडी में उतरे होगे जिससे तीनों डूब गये.
मृतक बच्चे आदिवासी परिवार के नहीं मिला अभी तक कोई राहत राशि
ढोडी में डूब कर करने वाले तीनों बच्चे आदिवासी परिवार से संबंध रखते हैं लेकिन जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण उन्हें तत्काल राहत राशि उनके परिवार नहीं दिया गया है जिसे एक बात तो तय है कि आदिवासियों के हाक की बात करने वाले राजनीतिक दल के नेताओं को ऐसे समय में खोजना रुई में सुई खोजने का समान होता है. वही इस संबंध में लुण्ड्रा थाना प्रभारी संपत पोटाई का कहना है घटना की जानकारी जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी को नहीं होने के कारण मृतक के परिजनों को राहत राशि नहीं दिया गया है लेकिन वे जल्द से जल्द इसके जानकारी जिला प्रशासन का अधिकारी को देकर उन्हें मुआवजा राशि दिलवाने का प्रयास करेंगे. जबकि राज्य सरकार का यह नियम है कि किसी दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है तो उसे तत्काल राहत राशि अंतिम संस्कार की के लिए दिया जाए.